अबाउट समाज

संस्था का संक्षिप्त परिचय

सन् 2000 में समाज के सार्वभौमिक विकास की दृष्टि से जयपुर महानगर के जागरूक व्यक्तियों द्वारा समाज की प्रगति विषयक गतिविधियों के बारे में सक्रिय होने हेतु प्रबुद्ध जनों की मीटिंग बुलाकर एक समिति का गठन कर इसके पंजीयन हेतु निर्णय लिया गया । तद्नुसार पंजीयक रजिस्ट्रार सोसायटीज़ में "श्री दाधीच समाज सेवा समिति, जयपुर" शीर्षक संस्था का पंजीयन संख्या-746/2000-2001 दिनांक 29 जनवरी 2001 कोहुआ। पंजीकृत होने के बाद संस्था की तत्कालीन कार्यकारिणी द्वारा समाज हित में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना शुरू किया गया, जिसमें महर्षि दधीचि जयन्ती महोत्सवका सामूहिक रूप से आयोजन किया जाने लगा। प्रथम आयोजन दिनांक 14 सितम्बर 2002 को आयोजित हुआ। तब से अक्षुण्ण रूप से परम्परा अनुप्राणित चली आ रही है, जो अपने आप में गर्व एवं प्रशंसाका विषय है।

संस्था के प्रमुख उद्देश्य

  • समाज की सार्वभौमिक उन्नति तथा प्रगति के लिए तटस्थ एवं निष्ठावान रहकरसमर्पित भाव से कार्य करना। 
  • समाज के आर्थिक रूप से असक्त परिवारों का सहयोग करना जिसके अन्तर्गत मुख्य रूप से उनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के क्रम में हर संभव आर्थिक तथा अन्य सहयोग करना। 
  • समाज के अविवाहित युवक-युवतियों के विवरण संकलित कर उपयुक्त जोड़ो के समायोजन को प्रोत्साहित करना। 
  • समाज की विधवा-परित्यक्तताओं के जीवन को सुगम बनाने की दिशा में प्रयास तथा सक्रिय सहयोग करना। 
  • समाज की विभिन्न क्षेत्रों की बिखरी हुई तथा दिगभ्रमित प्रतिभाओं का समाज के उत्थान हेतु दिगदर्शन करना। 
  • समाज में छिपी हुई प्रतिभाओं की जानकारी कर समाज की प्रगति के क्रम में उपयोग करना। 
  • दधीचि वंश के आदि प्रवर्तक महर्षि दधीचि की प्रेरणा के अनुकूल देहदान संकाय की स्थापना कर समय-समय पर देहदान संकल्पो कासंकलन कर समाज कल्याण को प्रोत्साहित करना। 
  • समाज के वय-अनुभव ज्ञान-वृद्ध व्यक्तियों के समय-समय पर विशिष्ट उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं तथा व्यक्तियों का सम्मान करने हेतु सार्वजनिक अभिनन्दन कार्यक्रमों का आयोजन करना। 
  • समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करना एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन। 
  • समाज के प्रबुद्ध वर्ग द्वारा समय-समय पर मिलने वाले प्रस्तावों तथा परामर्शो का क्रियान्वयन। 
     

संस्था की उपलब्धियाँ

संस्था की स्थापना के बाद समय-समय पर निर्वाचित कार्यकारिणयों द्वारा समाज की प्रगति तथा उत्थान के लिए विभिन्न प्रयास किये जाते रहे है, जिनसे संस्था के अनुप्राणित रहने में सहयोग मिला। जिसके लिए समाज आभार महसूस करता है। कालक्रम में प्रयत्न होते रहे सफलताएँ-असफलताएँ अपना स्वरूप दिखाती रही।

प्रथम उपलब्धि

जयपुर महानगर तथा आसपास के क्षेत्रों मे बिखरे हुए दाधीच वर्ग को एक छत्र (दाधीच समाज जयपुर ) के बैनर तले लाए जाने के प्रयास किए गए एवं भगवती की कृपा से सफलता मिली और परिणामस्वरूप 17 मार्च 2019 को दाधीच समाज जयपुर के बैनर तले एक दिव्य एवं भव्य फागोत्सव का आयोजन सम्पन्न हुआ, जिसके अन्तर्गत अन्यान्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त विद्वतजनों का सम्मान समारोह भी किया गया। अन्त में पधारे हुए सभी समाज बन्धुओं ने स्वरूचि भोज का आनन्द लिया।

द्वितीय उपलब्धि

गायत्री नगर, महारानी फार्म, दुर्गापुरा, जयपुर में अवस्थित जयपुर महानगर ग्रेटर के उद्यान को समिति को अधिग्रहित करने का अधिकार प्राप्ति पूर्वक उसका महर्षि दधीचि उद्यान के नाम से जयपुर नगर निगम द्वारा विधिवत नामकरण एवं लोकार्पण माननीय परिवहन मंत्री प्रताप सिंह जी खाचरियावास एवं महापौर श्री विष्णु जी लाटा द्वारा किया जाना भी सम्मिलीत है।

तीसरी तथा परम विशिष्ट उपलब्धि

समाज हित में चिर अपेक्षित एवं प्रतीक्षित "महर्षि दाधीचि भवन" के निर्माण हेतु भागीरथ प्रयत्न कर राज्य सरकार से जयपुर महानगर की प्राईम लोकेशन मानसरोवर में 1000 वर्गगज जमीन का आरक्षित रियायतीदर पर श्री दाधीच समाज सेवा समिति के नाम से आवंटन।

तदुपरान्त आवंटित भूमि की मूल्य राशि दो करोड़ पैंतालीस लाख छियालीस हजार सात सौ तरेसठ (2,45,46,763.00)की 2 प्रतिशत राशि का मांग पत्र के आधार पर प्राथमिक भुगतान के लिए प्रयास कर चार लाख एक हजार छः सौ तैंतीस (4,01,633.00) राशि का भुगतान निर्धारित तारीखा के पूर्व जमा करवा दी गई। इसके अतिरिक्त शेष राशि के भुगतान हेतु विभिन्न स्तरोंपर प्रयास जारी हैं।

नोट:- अच्छे कार्य में प्राय बाधाएँ आती हैं। जनवरी 2019 से क्रियाशील कार्यकारिणी द्वारा भूमि आवंटन के क्रम में आवंटन तक की सफलता प्राप्त करने के बाद जब अपेक्षित राशि के भुगतान के क्रम में प्रयास प्रारंभ किए तो विश्वस्तर पर व्याप्त दुर्दान्त महामारी कोरोना बाधक बन गई, गतिविधियां रूक गई, सरकार द्वारा आवंटित भूमि के भुगतान की अंतिम तिथि इसी दौरान समाप्त हो गई, जिसे बढाने के लिए घोर प्रयासो के परिणाम स्वरूप सरकार द्वारा 21 अप्रैल 2021 तक की मोहलत दी गई हैं। कार्यकारिणी रात दिन प्रयासरत है कि समय पर अपेक्षित राशि जमा हो जाए और आवंटन निरस्त नहो।